सतना । सतना के विशेष न्यायालय ने रिश्वतखोर पटवारी अखण्ड प्रताप सिंह को दोषी मानते हुए 4 साल का कारावास व 4 हजार रूपऐ जुर्माना के अर्थदंड से दंडित किया है । उक्त मामले की पैरवी राज्य की ओर से एडीपीओ हरिकृष्ण त्रिपाठी द्वारा की गई । एडीपीओ हरिकृष्ण त्रिपाठी ने बताया कि शिकायतकर्ता जय सिंह निवासी ग्राम लौलाछ द्वारा दिनांक 31 दिसंबर 2015 को शिकायत दर्ज कराई कि उसने अपने गांव में जुलाई के महीने में .146 हेक्टेयर जमीन खरीदा था जिसके दस्तावेज शिकायतकर्ता द्वारा आरोपी अखण्ड प्रताप सिंह हल्का पटवारी लौलाछ को माह अगस्त 2015 में नामांतरण कराने एवं ऋण पुस्तिका बनाकर देने हेतु दिया था इसके बाद शिकायतकर्ता द्वारा आरोपी पटवारी से कई बार मिला गया तो पटवारी द्वारा कहा गया कि नामांतरण करा दिया है लेकिन ऋण पुस्तिका बनाकर मैं तब दूंगा जब तुम मुझे 3500 रू रिश्वत दोगे जिसमें से 1500 रू पटवारी द्वारा शिकायतकर्ता से ले लिया गया और दो हजार रू रिश्वत की और मांग कर रहा था शिकायतकर्ता जय सिंह द्वारा आरोपी पटवारी को उस समय दो हजार रू रिश्वत की राशि नहीं दी गई बल्कि रिश्वत की राशि दो हजार रू लेते हुए आरोपी पटवारी को पकडवाने के आशय से एक लिखित शिकायत पत्र पुलिस अधीक्षक विशेष पुलिस स्थापना लोकायुक्तं कार्यालय रीवा संभाग रीवा को दी गई । पुलिस अधीक्षक द्वारा अपने अधीन पदस्थ निरीक्षक अशोक पाण्डेय से शिकायत का सत्यापन कराया गया । आरोपी पटवारी द्वारा शिकायतकर्ता से रिश्वत की अवैध मांग करने की पुष्टि होने पर आरोपी पटवारी के विरूद्व भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा धारा 7 के अन्तर्गत अपराध का पंजीयन किया गया एवं विधिवत ट्रैप कार्यवाही आयोजित की गई ट्रैप दल द्वारा 7 जनवरी 2016 को आरोपी अखण्ड प्रताप सिंह को तहसील परिसर कोटर जिला सतना में दो हजार रू की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथो पकडा गया आरोपी के कब्जे से रिश्वत में लिये गये 2 हजार रू जप्त किये गये । संपूर्ण विवेचना के उपरांत आरोपी अखण्ड प्रताप सिंह के विरूद्व भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 , धारा 13 (1)(डी) , 13(2) के तहत दण्डनीय अपराध करना प्रमाणित पाये जाने पर अभियोग पत्र तैयार किया जाकर न्यायालय के समक्ष विचारण हेतु प्रस्तुत किया गया । अभियोजन द्वारा प्रस्तुतत गवाहो और दस्ता्वेजी साक्ष्यो के आधार पर आरोपी अखण्डं प्रताप सिंह के विरूद्व न्या्यालय द्वारा मामला प्रमाणित पाते हुए भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 के अन्तर्गत तीन वर्ष का कारावास एवं 2000 रू का अर्थदण्ड तथा धारा 13 (1)(डी) , 13(2) में 04 वर्ष का कारावास एवं 2000 रू के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया ।
शिवपुरी जिले के करैरा थाना क्षेत्र के ग्राम टोकनपुर में जेसीबी मशीन को लेकर हुए विवाद ने हिंसक रूप ले लिया। दो पक्षों के बीच हुए संघर्ष में एक युवक को गोली लगी और दो अन्य घायल हो गए। घटना में अंकित सोलंकी को गोली लगी है। उन्हें मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है। उनके भाई अभिषेक और अजब सिंह को भी चोट आई हैं। हमलावरों ने पीड़ितों की स्कॉर्पियो और शिफ्ट कार को भी क्षतिग्रस्त कर दिया। पीड़ित अंकित सोलंकी ने बताया कि उनकी जेसीबी मशीन इमलिया हार में काम कर रही थी। अर्जुन सोलंकी और राजा सोलंकी ने फोन कर मशीन बंद करने की धमकी दी। 2 अप्रैल की रात अर्जुन ने मिलने के लिए बुलाया। लोहे के हथियारों और लाठियों से हमला अंकित अपने दोनों भाइयों के साथ मौके पर पहुंचे। वहां पहले से मौजूद अर्जुन, नरोत्तम, रविंद्र और राजा सोलंकी ने लोहे के हथियारों और लाठियों से हमला कर दिया। बाद में रामवीर भदौरिया, कालू भदौरिया, टिंकू सोलंकी और बलवीर कुशवाह भी आ गए। आराेपियाें ने पीड़ित के साथ मारपीट और कार में ताेड़फोड़ की, उसे इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है। विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज करैरा...
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