कोलारस के जगतपुर चौराहा पर स्थित BMI कंपटीशन कोचिंग क्लासेस पर आज दिनांक 12 जनवरी 2021 को स्वामी विवेकानंद जयंती के उपलक्ष में परम पूज्य स्वामी ओमानंद जी महाराज जी (रामकृष्ण मिशन बेलूर मठ ) विश्व वंध स्वामी विवेकानंद जी को आदर्श मानकर अनेक स्थानों पर विद्यार्थियों को सफल ईमानदार चरित्रवान जीवन बनाने के संबंध में अनेक कॉलेजों में अपना उद्बोधन दे चुके हैं !
कोलारस BMI कोचिंग क्लासेस में संचालक हेमंत मिश्रा सर के नेतृत्व में छात्र-छात्राओं ने श्री ओम आनंद महाराज जी जीवन में मार्गदर्शन लिया
परम पूज्य ओमानंद जी महाराज
(रामकृष्ण मिशन बेलूर मठ )
ने सभी विद्यार्थियों को स्वामी विवेकानंद जी के बारे में बातें बताते हुए मार्गदर्शन एवं प्रोत्साहित किया
स्वामी विवेकानन्द(स्वामी विवेकानंद) ( बांग्ला: স্বামী বিবেকানন্দ) (जन्म: 12 जनवरी,1863 - मृत्यु: 4 जुलाई,1902) वेदांत के विख्यात और प्रभावशाली आध्यात्मिक गुरु थे। उनका वास्तविक नाम नरेन्द्र नाथ दत्त था। उन्होंने अमेरिका स्थित शिकागो में सन् 1893 में आयोजित विश्व धर्म महासभा में भारत की ओर से सनातन धर्म का प्रतिनिधित्व किया था। भारत का आध्यात्मिकता से परिपूर्ण वेदांत (वेदान्त) दर्शन अमेरिका और यूरोप के हर एक देश में स्वामी विवेकानन्द की वक्तृता के कारण ही पहुँचा। उन्होंने रामकृष्ण मिशन की स्थापना की थी जो आज भी अपना काम कर रहा है। वे रामकृष्ण परमहंस के सुयोग्य शिष्य थे। उन्हें 2 मिनट का समय दिया गया था लेकिन उन्हें प्रमुख रूप से उनके भाषण की शुरुआत "मेरे अमेरिकी बहनों एवं भाइयों" के साथ करने के लिये जाना जाता है। उनके संबोधन के इस प्रथम वाक्य ने सबका दिल जीत लिया था।
कलकत्ता के एक कुलीन बंगाली कायस्थपरिवार में जन्मे विवेकानंद आध्यात्मिकता की ओर झुके हुए थे। वे अपने गुरु रामकृष्ण देव से काफी प्रभावित थे जिनसे उन्होंने सीखा कि सारे जीवो मे स्वयं परमात्मा का ही अस्तित्व हैं; इसलिए मानव जाति अथेअथ जो मनुष्य दूसरे जरूरत मंदो मदद करता है या सेवा द्वारा परमात्मा की भी सेवा की जा सकती है। रामकृष्ण की मृत्यु के बाद विवेकानंद ने बड़े पैमाने पर भारतीय उपमहाद्वीप का दौरा किया और ब्रिटिश भारत में मौजूदा स्थितियों का प्रत्यक्ष ज्ञान हासिल किया। बाद में विश्व धर्म संसद 1893 में भारत का प्रतिनिधित्व करने, संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए प्रस्थान किया। विवेकानंद ने संयुक्त राज्य अमेरिका, इंग्लैंड और यूरोप में हिंदू दर्शन के सिद्धांतों का प्रसार किया और कई सार्वजनिक और निजी व्याख्यानों का आयोजन किया। भारत में विवेकानंद को एक देशभक्त सन्यासी के रूप में माना जाता है और उनके जन्मदिन को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है।
स्वामी विवेकानंद जयंती को सफल बनाते हुए छात्राएं उपस्थित रहे उपस्थित छात्र छात्राओं मैं आकांक्षा, राधा , मोहिनी , दीया , काजल , पूनम, नीलम, सोनम, सरिता ,आनंद ,ऋषभ , कौशल, काजल, रमन, संदीप ,देवेंद्र, मनु, सोनू अनेक छात्र उपस्थित रहे
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