देश-प्रदेश के साथ-साथ जिले में लगातार बढ़ रहें संक्रमितों के आंकड़ो के बाद और मरीजों को संस्थागत क्वारेंटाइन में आने वाली समस्या को ध्यान में रखते हुए सरकार ने होम आइसोलेशन की गाइडलाइन में बदलाव किया है। लक्षण रहित कोरोना पॉजिटिव मरीज जिनकी संख्या काफी अधिक रहती है, अपनी रिपोर्ट आने के बाद से ही घर पर रहकर ही अपना इलाज करा सकेंगे। साथ ही उनकों घर पर चिकित्सीय सहायता भी मिलेंगी।
लक्षण रहित या अति मंद लक्षण वाले कोविड-19 संक्रमित व्यक्ति जिनकी उम्र 60 वर्ष से कम है एवं जिन्हें पूर्व से हाइपरटेंशन, डायबिटीज, हृदय रोग, लंग्स, लीवर, किडनी, एचआईवी, ट्रांसप्लांट केस, कैंसर जैसी कोई अन्य बीमारी न हो, उन्हें घर पर सेल्फ आइसोलेशन की समुचित व्यवस्था, जैसे मरीज के लिए पृथक कक्ष एवं शौचालय की उपलब्धता होने पर, एमबीबीएस चिकित्सक के आंकलन एवं अनुशंसा पर होम आइसोलेशन का विकल्प दिया जा सकता है। ऐसे संक्रमित व्यक्तियों के घर में सेल्फ आइसोलेशन एवं परिजनों के क्वारेंटाइन की पूर्ण सुविधा उपलब्ध होना अनिवार्य होगा।
होम आइसोलेशन में है अनिवार्य रूप से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि कोविङ-19 के संक्रमित व्यक्ति या रोगी के देखभाल के लिये एक व्यक्ति उपलब्ध रहें तथा वह एमएमयू मेडीकल ऑफिसर, कोविड अस्पताल जिनका फोन नंबर उनके पास उपलब्ध रहेगा, के साथ सम्पूर्ण होम आइसोलेशन की अवधि में सम्पर्क में रहेंगे। इस देखभालकर्ता को आरोग्य सेतु एप एवं सार्थक एप डाउनलोड करना अनिवार्य होगा। कोविड संक्रमित व्यक्ति के देखभालकर्ता एवं निकट सम्पर्क व्यक्तियों को उपचार करने वाले चिकित्सक द्वारा हाइड्रोक्सिक्लोरोक्यून टेबलेट का प्रोफाइलेक्टिक डोज पूर्ण सतर्कता बरतते हुए दिया जाना सुनिश्चित किया जाएगा।
होम क्वारेंटाइन में रह रहे व्यक्ति एवं उसके देखभालकर्ता का यह प्रथम दायित्व होगा की मरीज को सांस लेने में कठिनाई, निरंतर दर्द, छाती में दबाव, भारीपन, मानसिक भ्रम या सचेत होने में कठिनाई, होंठ, चेहरे का नीला पड़ना आदि लक्षण होने पर होम आइसोलेशन में रहने वाले कोविड-19 संक्रमित व्यक्ति तत्काल मोबाईल मेडिकल यूनिट के डॉक्टर अथवा 104 पर चिकित्सीय सहायता के लिये सम्पर्क कर सकेंगे।
कोविड-19 संक्रमित व्यक्ति द्वारा सदैव ट्रिपल लेयर मेडिकल मॉस्क का उपयोग किया जाए एवं मॉस्क के भीगने, गंदा
Comments
Post a Comment