मुकेश गौड़ - कोलारस नगर में आज समस्त संसार में सभी मुस्लिम बंधुओं द्वारा ईद मिलादुन्नबी अर्थात् मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम का योमे पैदाइश यानी (जन्मदिन )बड़े धूमधाम से मनाया जाएगा। मुस्लिम समाज संसार की दूसरे नंबर की एक बड़ी आबादी है। उनके नवी और इस्लाम धर्म के प्रवर्तक मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम हैं जिनका जन्म लगभग 570 ईसवी में मक्का में हुआ था इनके पिता का नाम अब्दुल्ला माता का नाम आमीना था बचपन में ही इनके माता और पिता गुजर गए थे 610 ईसवी में मोहम्मद साहब को हीरा नामक गुफा में ज्ञान की प्राप्ति हुई 24 सितंबर 622 ई. को पैगंबर ने मक्का से मदीना की यात्रा की जिसे इस्लाम जगत में (हिजरी संवत् )के नाम से जाना जाता है मोहम्मद साहब का जन्मदिन ईद -ए- मिलाद- उन- नबी के पर्व के रूप में संपूर्ण संसार में मनाया जाता है बड़ी संख्या में इनके अकीदतमंद इस दिन इनके प्रति अपने अगाध प्रेम को दर्शाते हैं और इस दिन ग़रीबों को उनकी याद में कपड़े ,खाना, मिठाईयां इत्यादि दान दिया जाता है यह दिन हम सबको मोहम्मद साहब की शिक्षाओं पर चलने का पैग़ाम देता है। उनकी शिक्षाएं सदैव जगत को आलोकित करती रही हैं और करती रहेंगी और यदि कोई भी उनकी शिक्षाओं पर चलेगा तो वह निसंदेह मोक्ष की प्राप्ति करेगा। इसी बात को एक महान शायर सर अल्लामा इक़बाल ने यूं लिखा है कि
"की मुहम्मद से वफ़ा तूने तो हम तेरे हैं।
ये जहां चीज़ क्या है लोहो क़लम तेरे हैं।🙏
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