कोलारस! सूचना के अधिकार के नियमो को नियमो के उलझा कर उसकी कैसे हत्या की जाती हैं इसका उदारहण बन रहा हैं कोलारस के नगर परिषद कार्यालय का एक पत्र। यह पत्र कोलारस प्रियंका सिंह के हस्ताक्षर से जारी हुआ हैं। यह पत्र सीधे-सीधे एक आवेदक के अधिकारो और इस देश के सूचना के अधिकार के कानून की गाला घोट रहा हैं या फिर सीएमओ कागजो में दफन किसी घोटाले को उजागर नही होना देना चाहती या फिर सीएमओ को कानून का ही ज्ञान नही हैं नियमानुसार ऐसे पत्र को किसी भी आरटीआई के आवेदक को जारी नही कर सकते हैंं आईए सीएमओ के इस पत्र का एक्सरे करते हैं।
नगर परिषद कोलारस ने एक पत्र क्रंमाक 123/124/
2020 दिनांक 28/2/2020 को जारी किया। इस पत्र आवेदक के पास लॉकडाउन होने के कारण 1/6/2020 अर्थात आज पंहुचा हैं। इस पत्र को जारी किए लगभग बहुत समय हो गए। यह गलती भारतीय डाक विभाग की नही हैं यह पत्र नगर परिषद कोलारस से समय पर नही निकला। इस पत्र ने भी लॉकडाउन का पालन किया हैं। इस करण यह अपने भेजे गए स्थान पर बहुत दिन बाद भेजा।
यह पत्र आरटीआई का प्रयोग करने वाले एक आवेदक के पास पहुंचा हैं जिसने आरटीआई के माध्यम से कोलारस नगर परिषद के परिषद में होने वाले विकास कार्यों में चेक से निकाली राशि की छाया प्रतिलिपि की जानकारी चाही गई थी। कोलारस नगर परिषद ने अभी तक जानकारी नही दी,बल्कि आवेदक को एक पत्र जारी कर उसे भ्रमित करने का प्रयास किया।
यह पत्र कोलारस नगर परिषद की सीएमओ प्रियंका सिंह ने अपने हस्ताक्षर से जारी किया हैं। आवेदक को इस पत्र के माध्यम से बताया गया हैं कि उपरोक्त विषयातंर्गत आपके द्धारा चाही गई जानकारी का उद्धेश्य प्रशनात्मक एवं रचनात्मक ना होने के कारण जानकारी दिया जाना संभव नही हैं! ऐसे अन्य 10 पत्र की उत्तर नगर पंचायत सीएमओ प्रियंका सिंह द्वारा अभी तक नहीं दिए गए
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