मुकेश अंबानी ने डेटा को नया तेल बताया और इसके साथ ही रिलायंस में जो लगातार बदलाव का सिलसिला शुरू हुआ, वह आज तक जारी है. जियो के विकास के समय ही मुकेश अंबानी को यह समझ में आ गया कि आधुनिक रिटेल कारोबार भी टेक्नोलॉजी से जुड़ा हुआ है और इसी समझ के साथ ही रिलायंस रिटेल के रूप में भारत के एमेजॉन/अलीबाबा बनने की कोशिश शुरू हुई.
साल 2012 में अपने एग्जीक्यूटिव्स के साथ एक तिमाही वीडियो कॉन्फ्रेंस में रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने चेतावनी दी थी-'जो कुछ हमें यहां ले आया है, वह भविष्य में आगे नहीं ले जाएगा.' उनको इस बात की आशंका थी कि रिलायंस का क्रूड ऑयल और पेट्रोकेमिकल का जो मुख्य कारोबार है, वह रीन्यूएबल एनर्जी, इलेक्ट्रिक मोबिलिटी और बढ़ते वैश्विक तनाव के बीच अपनी चमक खो सकता है.
डेटा को समझा नया तेल
मुकेश अंबानी ने कहा कि 'डेटा इस युग का नया तेल है.' इसके साथ ही रिलायंस में जो लगातार बदलाव का सिलसिला शुरू हुआ, वह आजतक जारी है. चार साल कंपनी ने डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार करने में लगाए और सितंबर 2016 में रिलायंस जियो लॉन्च कर दिया. आज इसके पास 38.7 करोड़ 4जी ग्राहकों का सबसे बड़ा नेटवर्क है. जियो के विकास के समय ही मुकेश अंबानी को यह समझ में आ गया कि आधुनिक रिटेल कारोबार भी टेक्नोलॉजी से जुड़ा हुआ है और इसी समझ के साथ ही रिलायंस रिटेल के रूप में भारत के एमेजॉन/अलीबाबा बनने की कोशिश शुरू हुई.
बदलाव को समय से पहचानने की क्षमता
मुकेश अंबानी के पारिवारिक मित्र और निवेश बैंकर हेमेंद्र कोठारी कहते हैं, 'वह सपने देखने वाले हैं और मानव जीवन एवं समाज में बदलाव को समय से पहले पहचान लेते हैं. वह सपने को सच्चाई में बदलने की क्षमता रखते हैं.'
अगले पांच साल में रिलायंस ने अपने स्टोर की संख्या 2,621 से बढ़ाकर 11,784 तक कर ली और एक महत्वाकांक्षी ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म जियोमार्ट को इसी साल 23 मई को 200 शहरों में लॉन्च कर दिया गया. तो अब वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान इस मुख्यरूप से तेल एवं गैस कंपनी के रेवेन्यू का करीब 35.1 फीसदी हिस्सा कंज्यूमर कारोबार से आया. इस दौरान कंपनी की आमदनी और मुनाफा करीब 70 फीसदी बढ़कर क्रमश: 6.59 लाख करोड़ रुपये से 39,880 करोड़ रुपये पहुंच गई.
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