- शिवराज कैबिनेट में सिंधिया गुट के करीब 8 से 10 मंत्री होंगे
- सिंधिया के दबदबे से बीजेपी दिग्गजों का मंत्री बनना मुश्किल
आनंदीबेन पटेल को मध्य प्रदेश के राज्यपाल की अतिरिक्त जिम्मेदारी मिलने के बाद शिवराज कैबिनेट के विस्तार की चर्चा तेज हो गई है. मंगलवार को संभावित शिवराज मंत्रिमंडल के विस्तार में ज्योतिरादित्य सिंधिया का पूरी तरह से दबदबा है. माना जा रहा है कि शिवराज कैबिनेट में कम से कम 9 से 10 सिंधिया समर्थकों को मंत्री बनाया जा सकता है. हालांकि, इसके लिए बीजेपी को अपने कई दिग्गज नेताओं को नजरअंदाज करना होगा. ऐसे में देखना होगा कि बीजेपी कैसे जोखिम भरा कदम उठाती है.
बता दें कि कमलनाथ और पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह से अनबन होने के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया था. इसके बाद सिंधिया के 22 समर्थक विधायकों ने भी कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था, जिसमें 6 कैबिनेट मंत्री भी शामिल थे. इसी के बाद शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में बीजेपी की मध्य प्रदेश की सत्ता में वापसी हो सकी है, जिसमें सिंधिया समर्थकों की अहम भूमिका रही है.
सिंधिया खेमे का कैबिनेट में रहेगा दखल
कमलनाथ की कैबिनेट में भी ज्योतिरादित्य सिंधिया के 6 लोग शामिल थे. बीजेपी में वह 22 पूर्व विधायकों के साथ आए हैं. इनमें से सिंधिया के गुट के 2 लोग तुलसीराम सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत पहले से कैबिनेट में शामिल है बाकी सात से आठ लोग और भी मंत्री बनाए जा सकते हैं. इनमें इमरती देवी, प्रद्युमन सिंह तोमर, महेंद्र सिंह सिसोदिया और प्रभुराम चौधरी के नाम तय हैं, क्योंकि ये लोग कैबिनेट मंत्री का पद छोड़कर बीजेपी में आए हैं.
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