लॉकडाउन में फंसे मजदूरों की घर वापसी के लिए 1000 बसों को चलाने की पेशकश कर प्रियंका गांधी ने सूबे के प्रमुख विपक्षी दल के प्रमुख नेताओं को पीछे छोड़ दिया है. प्रवासी श्रमिकों के लिए बस संचालन को लेकर प्रियंका गांधी और योगी आदित्यनाथ के बीच सियासी संग्राम जारी है.
उत्तर प्रदेश में तीन दशकों से हाशिए पर चल रही कांग्रेस में जान फूंकने के लिए पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी काफी सक्रिय हैं. लॉकडाउन में फंसे मजदूरों की घर वापसी के लिए 1000 बसों को चलाने की पेशकश कर प्रियंका गांधी ने सूबे के प्रमुख विपक्षी दल के प्रमुख नेताओं को पीछे छोड़ दिया है. प्रवासी श्रमिकों के लिए बस संचालन को लेकर प्रियंका गांधी और योगी आदित्यनाथ के बीच सियासी संग्राम जारी है.
कोरोना संकट और लॉकडाउन के बीच उत्तर प्रदेश कांग्रेस प्रभारी प्रियंका गांधी काफी सक्रिय हैं और लगातार सीएम योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखने से लेकर तमाम मामलों को ट्वीट कर उठा रही हैं. इसी कड़ी में श्रमिक ट्रेन से घर वापसी करने वाले मजदूरों के लिए कांग्रेस ने किराया देने का दांव चला. इसके बाद प्रियंका ने पैदल घर जाने वाले श्रमिकों के लिए अपनी ओर से 1000 बस चलाने की पेशकश कर दी.
प्रियंका गांधी ने 16 मई को सीएम योगी आदित्यनाथ को पत्र लिख कर कहा था कि हजारों श्रमिक, प्रवासी भाई-बहन बिना खाए भूखे-प्यासे, पैदल दुनिया भर की मुसीबतों को उठाते हुए अपने घरों की ओर चले आ रहे हैं. यूपी के हर बॉर्डर पर बहुत मजदूर मौजूद हैं. उन्हें प्रदेश के अंदर आने नहीं दिया जा रहा. ऐसे में 1000 बसों को चलाने की अनुमति देकर श्रमिकों की सेवा करने दीजिए. प्रियंका गांधी ने गाजियाबाद के गाजीपुर बॉर्डर से 500 और नोएडा बॉर्डर से 500 बसें चला कर लॉकडाउन में फंसे प्रवासी श्रमिकों को उनके गन्तव्य तक पहुंचाने की उत्तर प्रदेश सरकार से अनुमति मांगी थी.
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