कोरोना संकट से उपजी वर्तमान परिस्थियों ने लोगों को भविष्य के प्रति आशंकित कर दिया है. आर्थिक संकट, सेहत पर मंडराते खतरे ने लोगों की नींद उड़ा दी है. ऐसे में लोग कोरोना संकट के वैज्ञानिक निदान को लेकर हो रही खोजों की पल-पल की खबरों पर लगातार नजर रख रहे हैं. लेकिन इस बीच ज्योतिषविज्ञान के आंकलन को जानने के लिए ज्योतषियों और पंडितों के पास लोगों के फोन कॉल्स की भरमार हो गई है. रोचक बात यह है कि इस महामारी से उपजे संकट का व्यक्तिगत जीवन पर क्या असर होगा यह जानने के अलावा लोग यह भी जानना चाह रहे हैं कि आखिर देश और दुनिया के ऊपर से इस वायरस का खतरा कब टलेगा? अर्थव्यवस्था पटरी पर कब तक आ जाएगी? यह वायरस दोबारा तो नहीं आएगा...वगैरहा, वगैरहा.
'' पहले लोग रिलेनशन, लव मैरिज, बच्चे, करियर,जॉब फिर हेल्थ के क्रम में सवाल पूछते थे. लेकिन इस संकट के बाद यह क्रम उलट गया है. लोग जॉब-करियर, हेल्थ के क्रम में सवाल पूछ रहे हैं.'' धर्मेश कहते हैं कि सबसे बड़ी बात यह है कि विदेशों में रह रहे लोग भारत में रह रहे अपने बुजुर्ग मां-बाप की सेहत को लेकर ज्यादा से ज्यादा सवाल पूछ रहे हैं. वे जानना चाह रहे हैं कि उनके मां-बाप सुरक्षित तो रहेंगे! संक्रमण की चपेट से बचे तो रहेंगे!
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