- डॉ. जून अल्मीडा ने खोजा था कोरोना वायरस को
- गरीबी में पली-बढ़ी, कम उम्र में नौकरी, दो शादियां
- HIV की पहली हाई-क्वालिटी तस्वीर भी निकाली
कोरोना वायरस से पूरी दुनिया में अब तक 1.65 लाख से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं. 24 लाख से अधिक लोग बीमार हैं. कुछ वैज्ञानिक कहते हैं कि यह चमगादड़ों से इंसानों में आया. जबकि, कुछ लोग कह रहे हैं कि इसे प्रयोगशाला में बनाया गया है. लेकिन क्या आपको पता है कि इंसानों में सबसे पहले कोरोना वायरस की खोज किसने की थी? कैसे पता चला था इस वायरस का? आइए जानते हैं उस वैज्ञानिक की कहानी, जिसने पहली बार कोरोना वायरस की खोज की थी.
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बात है 1964 की यानी आज से 56 साल पहले की. एक महिला वैज्ञानिक अपने इलेक्ट्रॉनिक माइक्रोस्कोप में देख रही थी. तभी उन्हें एक वायरस दिखा जो आकार में गोल था और उसके चारों तरफ कांटे निकले हुए थे. जैसे सूर्य का कोरोना. इसके बाद इस वायरस का नाम रखा गया कोरोना वायरस. इसे खोजने वाली महिला का नाम है डॉ. जून अल्मीडा.
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साधारण परिवार में जन्मीं, 16 की उम्र में स्कूल छोड़ा
डॉ. जून अल्मीडा ने जिस समय कोरोना वायरस की खोज की थी, तब उनकी उम्र 34 साल की थी. 1930 में स्कॉटलैंड के ग्लासगो शहर के उत्तर-पूर्व में स्थित एक बस्ती में रहने वाले बेहद साधारण परिवार में जून का जन्म हुआ. अल्मीडा के पिता बस ड्राइवर थे. घर आर्थिक स्थिति ठीक न होने की वजह से जून अल्मीडा को 16 साल की उम्र में स्कूल छोड़ना पड़ा था.
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