इंदौर. पति में कोरोना के लक्षण दिखे तो डॉक्टर पत्नी उसे लेकर चार अस्पताल गईं, लेकिन किसी ने भी भर्ती नहीं किया। तब पत्नी ने घर पर ही पति का इलाज शुरू किया। जब तक कोरोना की रिपोर्ट पॉजिटिव आई, पति ठीक भी हो चुके थे। हालांकि वे अभी अरबिंदो अस्पताल में हैं और उनकी दूसरी रिपोर्ट निगेटिव आ चुकी है। नयापुरा निवासी हॉस्पिटल संचालक 38 वर्षीय अमन सैयद की तबीयत 28 मार्च को बिगड़ गई थी। उनमें कोरोना के लक्षण थे। 29 मार्च को पत्नी डॉक्टर नाजनीन उन्हें लेकर निजी अस्पताल पहुंचीं। वहां से मामूली बुखार बताकर लौटा दिया। इसके बाद वे दो और अस्पताल गईं, लेकिन पति को भर्ती नहीं किया। एमवाय अस्पताल में भी उन्हें दो घंटे बैठाया और बिना जांच किए लौटा दिया।
एमटीएच में जांच, रिपोर्ट आने से पहले ठीक हो गए
डॉ. नाजनीन के मुताबिक तीन अस्पतालों ने भर्ती करने इनकार कर दिया तो मैं उन्हें घर ले आई। फिर खुद ही इलाज शुरू कर दिया। 31 मार्च को एमटीएच अस्पताल में उनकी कोरोना की जांच हुई और फिर रिपोर्ट आने तक के लिए घर भेज दिया। चूंकि मुझे आशंका थी कि पति को कोरोना ही है, इसलिए घर को आइसोलेशन सेंटर बना दिया। वे ठीक भी हो गए। जांच के छह दिन बाद 6 अप्रैल को रिपोर्ट पॉजिटिव आई। नाजनीन बताती हैं कि मैं पहले से जानती थी कि ऐसा होगा, इसलिए कोई तनाव नहीं था। जैसे ही रिपोर्ट पॉजिटिव आई, मैंने प्रशासन को जानकारी दी और उन्हें अरबिंदो में भर्ती किया। तब तक उनमें कोरोना के कोई लक्षण नहीं बचे थे। 17 अप्रैल को दूसरी रिपोर्ट भी निगेटिव आ गई।
एमटीएच में जांच, रिपोर्ट आने से पहले ठीक हो गए
डॉ. नाजनीन के मुताबिक तीन अस्पतालों ने भर्ती करने इनकार कर दिया तो मैं उन्हें घर ले आई। फिर खुद ही इलाज शुरू कर दिया। 31 मार्च को एमटीएच अस्पताल में उनकी कोरोना की जांच हुई और फिर रिपोर्ट आने तक के लिए घर भेज दिया। चूंकि मुझे आशंका थी कि पति को कोरोना ही है, इसलिए घर को आइसोलेशन सेंटर बना दिया। वे ठीक भी हो गए। जांच के छह दिन बाद 6 अप्रैल को रिपोर्ट पॉजिटिव आई। नाजनीन बताती हैं कि मैं पहले से जानती थी कि ऐसा होगा, इसलिए कोई तनाव नहीं था। जैसे ही रिपोर्ट पॉजिटिव आई, मैंने प्रशासन को जानकारी दी और उन्हें अरबिंदो में भर्ती किया। तब तक उनमें कोरोना के कोई लक्षण नहीं बचे थे। 17 अप्रैल को दूसरी रिपोर्ट भी निगेटिव आ गई।
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