मध्यप्रदेश राजभवन में पहली बार सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा कर व्यापक स्तर पर बदलाव किए जा रहे हैं। सुरक्षा के मद्देनजर राज्यपाल और अतिविशिष्ट अतिथियों का प्रवेश द्वार भी अलग कर दिया गया है। पूरे परिसर को सख्ती से सीसीटीवी कैमरों की नजर में रखा जा रहा है। गृहमंत्री अमित शाह के नाम से राज्यपाल को फर्जी कॉल आने की घटना के बाद मुलाकातियों के लिए भी नए सिरे से एडवायजरी जारी हो गई है।
राजभवन के संदर्भ में खुफिया शाखा द्वारा मिली सूचनाओं एवं कतिपय घटनाओं के चलते सुरक्षा व्यवस्था में आमूलचूल बदलाव की कवायद शुरू की गई है। राज्यपाल लालजी टंडन को इस वर्ष जनवरी के प्रथम सप्ताह में आए फर्जी फोन कॉल के बाद सुरक्षा व्यवस्था की नए सिरे से समीक्षा की गई है। सुरक्षा की कमजोर कड़ियां ढूंढी जा रही हैं, इसके लिए पुलिस मुख्यालय से भी कुछ 'इनपुट" मिले थे। इसके अलावा राजधानी के विमानतल पर सुरक्षा की चूक और कतिपय अन्य घटनाओं के बाद से राज्य के खुफिया तंत्र ने भी कुछ सुझाव दिए हैं। 'इंटीग्रेटेड सिक्यूरिटी सिस्टम" को लागू किया गया है।
राज्यपाल के लिए अलग प्रवेश द्वार
बदली हुई व्यवस्था के तहत अब राजभवन का एक प्रवेश द्वार पूरी तरह राज्यपाल और अन्य अतिविशिष्ट अतिथियों के लिए ही निर्धारित रहेगा। पूर्व में राजभवन में प्रवेश और निकास द्वार अलग-अलग थे अब अन्य लोगों का आना-जाना पहले गेट से ही होगा। प्रवेश द्वार पर अतिरिक्त सुरक्षा दस्ता तैनात कर 'मेटल डिटेक्टर" के लिए अलग कक्ष बन गया है। इसके अलावा 'लगेज स्कैनर" भी लगाकर इन्हें एक दूसरे से संबद्ध किया गया है। राजभवन के संपूर्ण परिसर में शीघ्र ही 'हाई रिसोलूशन" सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने की योजना है।
मुलाकातियों को कक्ष में नहीं बुला सकेंगे
राजभवन में कार्यरत अधिकारी-कर्मचारियों के मुलाकातियों के लिए भी नई एडवायजरी लागू की गई है। अब राज्यपाल के सचिव, ओएसडी, परिसहाय सहित गिने-चुने अधिकारी ही अपने कक्ष में आगंतुकों को बुला सकेंगे। बाकी अन्य लोगों को 'विजिटर्स रूम" में ही मिलना होगा। राजभवन में रहने वाले कर्मचारियों के परिजनों के आने-जाने की व्यवस्था में भी बदलाव किया गया है। राजभवन जब जन सामान्य के लिए खोला जाएगा उन दिनों की व्यवस्था कुछ अलग रहेगी।
फोन कांड के बाद शुरू हुई कवायद
उल्लेखनीय है कि जनवरी के प्रथम सप्ताह में राजधानी के डेंटिस्ट डॉ चंद्रेश शुक्ला ने स्वयं को कुलपति नियुक्त कराने के लिए गृहमंत्री अमित शाह के नाम से राज्यपाल लालजी टंडन को फर्जी फोन कराया था। मप्र एसटीएफ ने इस मामले में विंग कमांडर कुलदीप वाघेला और डेंटिस्ट शुक्ला को गिरफ्तार कर मामले की छानबीन शुरू की है।
सुरक्षा के मद्देनजर हो रहे बदलाव: दुबे
राजभवन में सुरक्षा के मद्देनजर कुछ बदलाव किए जा रहे हैं। जल्दी ही कम्प्यूटरीकृत प्रवेश पत्र बनाने की प्रक्रिया भी शुरू होगी। प्रवेश पत्र से लेकर सीसीटीवी कैमरे और प्रवेश द्वार की व्यवस्था को ज्यादा सुविधाजनक व चाक-चौबंद किया जा रहा है।
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