भारतीय फिल्मों पर टिप्पणी से नाराज डायरेक्टर ने कहा, इमरान को पीएम की जगह पाक टीम का कोच होना चाहिए था
बॉलीवुड डेस्क. नोबेल पुरस्कार विजेता मलाला युसूफजई की बायोपिक 'गुल मकई' के डायरेक्टर एचई अमजद खान का कहना है कि पाकिस्तान के पीएम इमरान खान अच्छे क्रिकेटर, लेकिन खराब राजनेता हैं। अमजद ने ये बात हाल ही में इमरान के दिए उस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कही, जिसमें उन्होंने पाकिस्तान में बढ़ते अपराधों के लिए भारतीय सिनेमा और संस्कृति को जिम्मेदार ठहराया था। अमजद ने कहा कि पाकिस्तानी लोगों में जितनी जागरूकता है वो भारतीय फिल्मों की वजह से है और इमरान को फालतू बयानबाजी करने की बजाय अपने देश की जीडीपी और अर्थव्यवस्था पर ध्यान देना चाहिए।
इमरान की टिप्पणी पर को लेकर अमजद ने कहा, 'इमरान खान को क्रिकेट कोच होना चाहिए था और तब पाकिस्तानी क्रिकेट टीम का प्रदर्शन शायद कुछ बेहतर होता। राजनेता के रूप में उनका काम बेहद खराब है। वे किसी मंद बुद्धि और अशिक्षित इंसान जैसी बातें करते हैं। पाकिस्तान के लोगों में जितनी भी जागरूकता है, वो सब भारतीय संस्कृति और फिल्मों की वजह से है। 'माय नेम इज खान' और 'लगान' जैसी फिल्मों में पाकिस्तान में जागरूकता फैलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसलिए फालतू टिप्पणियां करने की बजाए इमरान को अपने देश की जीडीपी और आर्थिक संकट पर ध्यान देना चाहिए। हाल ही में वर्ल्ड बैंक ने उन्हें उधार देने से इनकार कर दिया था। इसलिए उनके लिए ये मेरा विनम्र सुझाव है कि इससे पहले कि आप असहाय बन जाएँ, आपको अपने देश के बारे में सोचना चाहिए।'
इमरान को कोई शर्म नहीं है
अमजद ने आगे कहा, 'इमरान की सरकार ने मोहम्मद फजीउल्ला जैसे इंसान को 20 करोड़ रुपए दिए हैं, जो कि अपना रेडियो शो चलाता है और जहां वो इस झूठ का प्रचार करता है कि लड़कियों को स्कूल नहीं जाना चाहिए। इसी वजह से मलाला जैसी लड़की को सिर में गोली मार दी गई थी। मेरा मतलब है कि इसके बाद भी उन्हें कोई शर्म नहीं है और वे अब भी बकवास बातें करते हैं। ना तो इमरान खान और ना ही उनका देश खुद का और लोगों का ध्यान रखने में सक्षम है।' आगे उन्होंने कहा, 'मलाला युसूफजई आपके (इमरान) देश की है। पूरी दुनिया उसकी तरफ देखती है और उसकी सराहना करती है। इस छोटी सी मलाला को नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित भी किया जा चुका है। वो संयुक्त राष्ट्र की शांति दूत भी हैं और इस दशक की सबसे बड़ी नेता हैं। इमरान खान क्या आपको नहीं लगता कि आपको उसे एकबार आधिकारिक रूप से बुलाना चाहिए।'
पाक नेताओं को कट्टरपंथी मानसिकता से बाहर आना चाहिए
'गुल मकई' के निर्देशक ने कहा कि पाकिस्तान के राजनेताओं को अपनी कट्टरपंथी मानसिकता से बाहर आना चाहिए। उन्होंने कहा, 'हाल ही में जब मलाला ने पाकिस्तान का दौरा किया और सिर्फ दो समाचार चैनलों ने उनके दौरे को कवर किया। वो देश के प्रधानमंत्री से नहीं मिल सकी। जो कि अन्य सरकारी अधिकारियों और नेताओं की तरह बेशर्म हैं और उनमें कोई शालीनता नहीं है। उन्हें अपनी कट्टरपंथी मानसिकता से बाहर आना चाहिए और तेजी से दुनिया के साथ जुड़ना चाहिए। जो कि तेज गति से आगे बढ़ रही है।'
'गुल मकई' 31 जनवरी 2020 को रिलीज होगी। इस फिल्म में पाकिस्तान की मलाला युसूफजई की शुरुआती जिंदगी और अफगानिस्तान में तालिबान राज के दौरान फैले डरावने माहौल को दिखाया गया है। फिल्म में मलाला का किरदार रीम शेख ने निभाया है, वहीं उनके अलावा दिव्या दत्ता, अतुल कुलकर्णी, मुकेश ऋषि, पंकज त्रिपाठी और दिवंगत ओमपुरी भी फिल्म में नजर आएँगे।
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