- स्वच्छता अभियान-2 न्यू रानी बाग में लोन माफिया गुरदीप चावला के यहां कार्रवाई
इंदौर . माफिया पर कार्रवाई के तहत निगम ने शनिवार को न्यू रानीबाग में लोन माफिया गुरदीप चावला के बंगले पर रिमूवल के लिए धावा बोला। वहां पता चला कि चावला ने बंगला दो महीने पहले ही भाजपा के पूर्व मीडिया प्रभारी आलोक राठौर के भाई दीपक राठौर को बेच दिया। जी प्लस टू की अनुमति पर जी प्लस थ्री का निर्माण और एमओएस में अतिक्रमण होने के चलते निगम ने कार्रवाई कर दी। गुरदीप चावला, रिक्की चावला पर धोखाधड़ी के तीन केस दर्ज हैं। उन्होंने आंध्रा बैंक से दर्जनों लोगों के दस्तावेज का इस्तेमाल कर 1 करोड़ से ज्यादा के लोन ले लिए थे। वहीं दीपक ने बताया कि बंगला दो हिस्से में बना है। इसका एक हिस्सा उन्होंने चावला से 1.62 करोड़ में खरीदा। उधर, माफिया पर कार्रवाई को पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने सराहा है।
हेमंत यादव ने जमींदार परिवार की जमीन हथियाई, धमकाकर निर्माण कर लिया : पुलिस द्वारा शनिवार को गिरफ्तार हेमंत यादव व उसके कुछ साथियों के खिलाफ बड़ा रावला निवासी श्रीकांत जमींदार ने 3 अगस्त 2010 को शिकायत की थी। जमींदार ने शिकायत में कहा था कि उनके पूर्वजों ने 1934 में सेंट्रल कोतवाली इलाके में प्लॉट नंबर 38 कादर भाई और गुलाम हुसैन को सालाना किराये पर दिया था। कादर ने इसे नाथूलाल पिता गोपीलाल को बिना पॉवर के बेच दिया। नाथूलाल के बेटे मिट्ठूलाल ने इसे अब्दुल रसूद हुसैन निवासी सियागंज और गुलाम हुसैन निवासी जवाहर मार्ग को बेच डाला। रसूद और गुलाम ने प्लॉट के फर्जी दस्तावेज बनाकर खुद को मालिक बताते हुए रोशन हीरानी को बेचकर रजिस्ट्री करवा दी।
रोशन ने प्लॉट भागचंद पिता नानकराम व राकेश पिता द्वारकाप्रसाद निवासी महू, विजय पिता सेवकराम तलरेजा, अनिल तलरेजा, सुनील तलरेजा, सचिन महाडिक, गोविंद गोंदक और गुंडे हेमंत यादव को बेच दिया। जमींदार ने पूर्वजों के दस्तावेज दिखाए तो इन लोगों ने हत्या की धमकी दी और प्लॉट पर कब्जा कर निर्माण कार्य भी कर दिया। जमींदार ने 2010, 2015 और 2016 में पुलिस से शिकायत की, लेकिन हुआ कुछ नहीं।
तीन संस्थाओं ने की माफिया की शिकायत
शनिवार को मयूर नगर, संतोषी माता और मां सरस्वती गृह निर्माण संस्था ने माफिया के खिलाफ पुलिस से शिकायत की है। न्याय नगर को लेकर भी खजराना पुलिस से शिकायत की गई है। इनकी जांच के बाद पुलिस ने एफआईआर की तैयारी कर ली है।
इन संस्थाओं के सदस्यों को सालों बाद नहीं मिल सके प्लॉट
आकाश : रेवेन्यू नगर काटने वाली इस संस्था में वरीयता सूची का उल्लंघन कर नए सदस्यों को प्लॉट दे दिए। इसमें भी बाॅबी की ही भूमिका रही।
नवभारत : इस संस्था में 2800 से अधिक सदस्य हैं, जिनमें से दो हजार सदस्य पीड़ित हैं। पूर्व संचालकों ने जमीनें बेच दीं। इसमें भी बाॅबी की भूमिका संदिग्ध मानी जाती है।
सर्वानंद नगर : यह संस्था जमीन की खरीद-बिक्री में उलझी हुई है। बाॅबी के डमी गुरनाम सिंह धारीवाल इसे संभालते रहे हैं।
विकास अपार्टमेंट : तीन हजार से ज्यादा पीड़ित सदस्य अपनी जमीन के लिए भटक रहे हैं। इसमें धर्मेंद्र दाव की भूमिका रही है। 2009 में इसे गिरफ्तार किया गया था।
गजानंद : 300 से अधिक सदस्याें को प्लॉट नहीं मिले हैं। गोपुर की जमीन संस्था के अधीन आती है। इसमें भी बाॅबी की ही भूमिका मानी जाती है।
डाक-तार कर्मचारी : पूर्व संचालकों ने जमीन बेच खाई। हैप्पी और लकी धवन के साथ चिराग शाह की भूमिका संदिग्ध रही है। टेलीकाॅम संस्था में भी धवन बंधु अपने रिश्तेदार राजेश कुमार काे अागे रखकर सक्रिय रहे।
संवाद नगर संस्था : इसकी जमीन पर मूल रूप से पत्रकारों को प्लॉट दिए जाना थे। संस्था में भू-माफिया चिराग शाह का दखल हुआ तो उसने अपने रिश्तेदार आनंद शाह को आगे कर जमीन दूसरे लोगों को बेच दी। बाद में आनंद काे गिरफ्तार किया था।
कर्मचारी गृह निर्माण संस्था : पूर्व कर्ताधर्ताओं ने 400 के बजाय 426 सदस्य बना लिए। पूर्व अध्यक्ष ने पात्रता नहीं होते हुए भी परिजनों को प्लॉट आवंटित कर दिए थे।
आकाश : रेवेन्यू नगर काटने वाली इस संस्था में वरीयता सूची का उल्लंघन कर नए सदस्यों को प्लॉट दे दिए। इसमें भी बाॅबी की ही भूमिका रही।
नवभारत : इस संस्था में 2800 से अधिक सदस्य हैं, जिनमें से दो हजार सदस्य पीड़ित हैं। पूर्व संचालकों ने जमीनें बेच दीं। इसमें भी बाॅबी की भूमिका संदिग्ध मानी जाती है।
सर्वानंद नगर : यह संस्था जमीन की खरीद-बिक्री में उलझी हुई है। बाॅबी के डमी गुरनाम सिंह धारीवाल इसे संभालते रहे हैं।
विकास अपार्टमेंट : तीन हजार से ज्यादा पीड़ित सदस्य अपनी जमीन के लिए भटक रहे हैं। इसमें धर्मेंद्र दाव की भूमिका रही है। 2009 में इसे गिरफ्तार किया गया था।
गजानंद : 300 से अधिक सदस्याें को प्लॉट नहीं मिले हैं। गोपुर की जमीन संस्था के अधीन आती है। इसमें भी बाॅबी की ही भूमिका मानी जाती है।
डाक-तार कर्मचारी : पूर्व संचालकों ने जमीन बेच खाई। हैप्पी और लकी धवन के साथ चिराग शाह की भूमिका संदिग्ध रही है। टेलीकाॅम संस्था में भी धवन बंधु अपने रिश्तेदार राजेश कुमार काे अागे रखकर सक्रिय रहे।
संवाद नगर संस्था : इसकी जमीन पर मूल रूप से पत्रकारों को प्लॉट दिए जाना थे। संस्था में भू-माफिया चिराग शाह का दखल हुआ तो उसने अपने रिश्तेदार आनंद शाह को आगे कर जमीन दूसरे लोगों को बेच दी। बाद में आनंद काे गिरफ्तार किया था।
कर्मचारी गृह निर्माण संस्था : पूर्व कर्ताधर्ताओं ने 400 के बजाय 426 सदस्य बना लिए। पूर्व अध्यक्ष ने पात्रता नहीं होते हुए भी परिजनों को प्लॉट आवंटित कर दिए थे।
मेरा, मेरे परिवार का जीतू सोनी के काम से कोई लेना-देना नहीं : हुकम सोनी
जीतू सोनी के भाई अाैर इंदौर चांदी-सोना जवाहरात व्यापारी एसोसिएशन के अध्यक्ष हुकम सोनी पर भी पुलिस ने पांच हजार का इनाम रखा है। हुकम ने शनिवार को प्रेस रिलीज जारी करते हुए कहा है कि जीतू के काम से उनका और उनके परिवार का लेना-देना नहीं है। फिर भी हमें आरोपों में उलझाया जा रहा है।
माफिया से त्रस्त हैं तो हमें बताएं
क्या आपको किसी तरह के माफिया ने तंग किया है? हमें मोबाइल नंबर 9424577789 पर कॉल, वाट्स एप या मैसेज द्वारा बताएं... ताकि न्याय का रास्ता खुले।
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