- स्व-सहायता समूह की 300 महिलाएं गश्त लगाकर पंचायत को खुले में शौच करने वालों की सूचना देती हैं
- गंजाम के जिलाधिकारी ने कहा- खाद्य सुरक्षा कानून के तहत किसी को राशन से वंचित नहीं किया जा सकता
गंजाम. ओडिशा में बरहामपुर की एक पंचायत के फरमान से 20 परिवारों का राशन-पानी बंद हो गया है। इन परिवारों पर खुले में शौच करने का आरोप है। सरपंच ने कहा- पंचायत के इस फैसले के बाद गांव में खुले में शौच करने वालों की संख्या लगातार कम हो रही है। हालांकि, जिला प्रशासन ने इस फैसले को गैरकानूनी बताया है।
गौतमी पंचायत के सरपंच सुशांत स्वैन ने कहा- 20 अक्टूबर को पंचायत की बैठक में यह फैसला लिया गया कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के तहत 20 परिवारों को राशन नहीं दिया जाएगा। इस पर गंजाम के जिलाधिकारी विजय अमृत कुनागे ने कहा कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून और राज्य खाद्य सुरक्षा कानून के तहत किसी भी व्यक्ति को राशन से वंचित नहीं किया जा सकता। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि पीड़ितों को राशन मिले।
लोगों के बीच जागरूकता फैलाना उद्देश्य: सरपंच
सरपंच सुशांत ने कहा, “यदि किसी को खुले में, विशेषकर सड़क किनारे शौच करते हुए पाया जाता है तो पंचायत उस व्यक्ति को एक महीने के लिए राशन न देने का निर्देश देगी। इसका उद्देश्य लोगों में शौचालय के इस्तेमाल को लेकर जागरूकता फैलाना है। स्व-सहायता समूह की करीब 300 महिलाएं सुबह 3 से 5 बजे और शाम को 5 बजे से 7 बजे तक गश्त करती हैं। वे पंचायत को खुले में शौच करने वालों की सूचना देती हैं। सभी महिलाएं स्वेच्छा से काम करती हैं।”
गौतमी पंचायत में 180 परिवारों के पास शौचालय नहीं
उन्होंने कहा कि शुरुआत में कई ग्रामीणों ने पंचायत के इस निर्णय का विरोध किया था लेकिन इसका सकारात्मक असर पड़ा है। जिन लोगों के पास शौचालय नहीं है, उन्हें स्वच्छ भारत मिशन के तहत अगले दो महीने में शौचालय का निर्माण कराने को कहा गया है। गौतमी पंचायत में 2000 परिवार रहते हैं और इसकी कुल जनसंख्या 4,563 है। वर्तमान में 180 परिवारों के पास शौचालय नहीं है। हालांकि कई लोग शौचालय निर्माण में जुट गए हैं।
गंजाम. ओडिशा में बरहामपुर की एक पंचायत के फरमान से 20 परिवारों का राशन-पानी बंद हो गया है। इन परिवारों पर खुले में शौच करने का आरोप है। सरपंच ने कहा- पंचायत के इस फैसले के बाद गांव में खुले में शौच करने वालों की संख्या लगातार कम हो रही है। हालांकि, जिला प्रशासन ने इस फैसले को गैरकानूनी बताया है।
गौतमी पंचायत के सरपंच सुशांत स्वैन ने कहा- 20 अक्टूबर को पंचायत की बैठक में यह फैसला लिया गया कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के तहत 20 परिवारों को राशन नहीं दिया जाएगा। इस पर गंजाम के जिलाधिकारी विजय अमृत कुनागे ने कहा कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून और राज्य खाद्य सुरक्षा कानून के तहत किसी भी व्यक्ति को राशन से वंचित नहीं किया जा सकता। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि पीड़ितों को राशन मिले।
लोगों के बीच जागरूकता फैलाना उद्देश्य: सरपंच
सरपंच सुशांत ने कहा, “यदि किसी को खुले में, विशेषकर सड़क किनारे शौच करते हुए पाया जाता है तो पंचायत उस व्यक्ति को एक महीने के लिए राशन न देने का निर्देश देगी। इसका उद्देश्य लोगों में शौचालय के इस्तेमाल को लेकर जागरूकता फैलाना है। स्व-सहायता समूह की करीब 300 महिलाएं सुबह 3 से 5 बजे और शाम को 5 बजे से 7 बजे तक गश्त करती हैं। वे पंचायत को खुले में शौच करने वालों की सूचना देती हैं। सभी महिलाएं स्वेच्छा से काम करती हैं।”
गौतमी पंचायत में 180 परिवारों के पास शौचालय नहीं
उन्होंने कहा कि शुरुआत में कई ग्रामीणों ने पंचायत के इस निर्णय का विरोध किया था लेकिन इसका सकारात्मक असर पड़ा है। जिन लोगों के पास शौचालय नहीं है, उन्हें स्वच्छ भारत मिशन के तहत अगले दो महीने में शौचालय का निर्माण कराने को कहा गया है। गौतमी पंचायत में 2000 परिवार रहते हैं और इसकी कुल जनसंख्या 4,563 है। वर्तमान में 180 परिवारों के पास शौचालय नहीं है। हालांकि कई लोग शौचालय निर्माण में जुट गए हैं।
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