- वन मंत्री उमंग सिंघार ने आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) को पत्र लिखकर दिए जांच के आदेश
- नर्मदा किनारे 2 जुलाई 2017 को 6 करोड़ पौधे लगाकर विश्व रिकॉर्ड बनाया गया था, इसी में धांधली के आरोप
- मंत्री का दावा- पौधरोपण के लिए 20 रुपए के पौधों को 200 रुपए से ज्यादा कीमत पर खरीदा गया
इस मामले में उन्होंने आरोप लगाया कि नर्मदा नदी के किनारे 6 करोड़ से ज्यादा पेड़ लगाकर विश्व रिकॉर्ड बनाने के लिए 20 रुपए मूल्य के पौधों को 200 रुपए से ज्यादा कीमत पर खरीदा गया।
2 जुलाई 2017 को लगाए गए थे पौधे
वन मंत्री उमंग सिंघार ने ट्वीट करके लिखा, "2 जुलाई 2017 को नर्मदा किनारे 6 करोड़ पौधे लगाने में घोर अनियमितताएं तत्कालीन सरकार और अधिकारियों द्वारा की गई थी। उसकी जांच माननीय मुख्यमंत्री के निर्देश पर ईओडब्लयू से कराई जाएगी।
वन मंत्री उमंग सिंघार ने ट्वीट करके लिखा, "2 जुलाई 2017 को नर्मदा किनारे 6 करोड़ पौधे लगाने में घोर अनियमितताएं तत्कालीन सरकार और अधिकारियों द्वारा की गई थी। उसकी जांच माननीय मुख्यमंत्री के निर्देश पर ईओडब्लयू से कराई जाएगी।
अपने आप को नर्मदा पुत्र कहलाने वाले @ChouhanShivraj जी ने जिस तरह 450 करोड़ का आर्थिक घोटाला किया है उन्होंने माँ नर्मदा का सीना छलनी किया है। में वादा करता हूँ कि इस घोटाले में जो भी दोषी पाए जाएंगे उन पर कार्यवाही करने से बक्शा नही जाएगा
450 करोड़ का घोटाला
उमंग सिंघार ने लिखा, "अपने आप को नर्मदा पुत्र कहलाने वाले शिवराज सिंह चौहान जी ने जिस तरह 450 करोड़ का आर्थिक घोटाला किया। उन्होंने मां नर्मदा का सीना छलनी किया है। मैं वादा करता हूं कि इस घोटाले में जो भी दोषी पाए जाएंगे। उन पर कार्यवाही करने से बख्शा नही जाएगा।"
उमंग सिंघार ने लिखा, "अपने आप को नर्मदा पुत्र कहलाने वाले शिवराज सिंह चौहान जी ने जिस तरह 450 करोड़ का आर्थिक घोटाला किया। उन्होंने मां नर्मदा का सीना छलनी किया है। मैं वादा करता हूं कि इस घोटाले में जो भी दोषी पाए जाएंगे। उन पर कार्यवाही करने से बख्शा नही जाएगा।"
बैतूल में जांच की तो पाया कागजी पौधरोपण
मंत्री ने कहा, 'मैने खुद बैतूल में जांच की। जहां 15000 गड्ढे होने थे वहां सिर्फ 9000 के आसपास ही गड्ढे मिले। इस तरह का कागजी पौधरोपण आनन फानन में शिवराज सरकार ने हर जगह 2 जुलाई 2017 को किया। जबकि व्यवहारिक रूप से एक दिन के अंदर पौधा लगाना संभव नही है।'
मंत्री ने कहा, 'मैने खुद बैतूल में जांच की। जहां 15000 गड्ढे होने थे वहां सिर्फ 9000 के आसपास ही गड्ढे मिले। इस तरह का कागजी पौधरोपण आनन फानन में शिवराज सरकार ने हर जगह 2 जुलाई 2017 को किया। जबकि व्यवहारिक रूप से एक दिन के अंदर पौधा लगाना संभव नही है।'
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