अग्रसेन महाराज का जन्मदिन बड़ी धूमधाम से सदर बाजार पंसारी के मंदिर से जुलूस जोशीले उत्साह में शांति पूर्वक झांकी ! नरेंद्र जैन (समिति सदस्य) बंटी सगाई , हेमंत प्रधान ने जानकारी की कैसे अग्रसेन जयंती का शुभारंभ हुआ !
पहले – पहले गुरु ब्रह्मानंद जी महाराज ने में अग्रवाल संवत विक्रमी जाति के महाराजा अग्रसेन की जयंती मनाने की घोषणा अग्रोहा में की थी ! उन्होंने यह संदेश दिया ताकि अग्रवाल जाति के लोग चाहे जहां भी निवास करते हैं वे आसोज सुदी को महाराज अग्रसेन जयंती अवश्य मनाएंगे विक्रम संवत 1964 में अग्रसेन जयंती मनाने का श्री गणेश करते हुए उन्होंने अग्रोहा में विशेष मेला आयोजित किया और वहां उपस्थित लोगों के के सन्मुख जयंती मनाने के महत्व पर प्रकाश डाला और कहा कि महापुरुषों की जयंती मनाने से किसी जाति में अपने महापुरुषों की समान उन्नत होने के कारण की भावना उत्पन्न होती है वे भाईचारे के नाते और एकता के आधार पर अपने उद्देश्य को प्राप्त करते हैं स्वर्गीय गुरुजी रामानंद जी ने अश्विन शुक्ल प्रतिपदा को जयंती मनाने की घोषणा के साथ ही एक विभाग की स्थापना की थी गुरुजी का मकान जीटी रोड के पश्चिम भाग की 60 बीघा जमीन में बना हुआ था इसी स्थान से महाराज अग्रसेन जयंती मनाने का कार्यक्रम आरंभ हुआ और पूरे देश में प्रचार हुआ बाद में समाज के अग्रणी बंधुओं मारवाड़ी समाज ने इसे पूरे देश में सार्वजनिक रूप से मनाने की घोषणा की वर्तमान में महान पर्व बन गया है!
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