- एसएसपी रुचिवर्धन के साथ ही अन्य सदस्य अलग-अलग छात्रा और आरती से कर रहे पूछताछ
- नगर निगम इंजीनियर से तीन करोड़ रुपए मांगने के बाद हुआ मामले का खुलासा
एसएसपी रुचिवर्धन मिश्र ने बताया कि आरोपी आरती दयाल अब तक पूछताछ में सहयोग नहीं कर रही थी। इसके बाद उसकी काउंसिलिंग करवाई गई, जिसके बाद वह कुछ सवालों के जवाब दे रही है। वहीं छात्रा ने सभी सवालों के खुलकर जवाब दिए हैं। उसके पिता ने अन्य आरोपियों के खिलाफ मानव तस्करी का केस दर्ज करवाया है। क्योंकि छात्रा ही पूरे गिरोह में सबसे छोटी है और वह खुद इनकी शिकार हुई है, इसलिए उसे सरकारी गवाह बनाने की तैयारी है। आगे जो प्रक्रिया होगी उसके अनुसार कार्य किया जाएगा। मामले में छत्तीसगढ़ कनेक्शन पर भी जांच की जा रही है। इनके कॉल डिटेल को लेकर भी टीम काम कर रही है।
एसआईटी के चीफ संजीव शमी ने मीटिंग के बाद टीम में शामिल हर सदस्य की भूमिका तय कर उन्हें अलग-अलग टास्क दिए हैं। एडीजी शमी का कहना है कि इस केस की गंभीरता बहुत ज्यादा है इसलिए जांच में वक्त लगेगा। सारी कार्रवाई निष्पक्ष ही होगी अाैर जिस किसी की भूमिका मिलेगी, उसका नाम उजागर कर अाराेपी बनाया जाएगा, भले वाे बड़ा आदमी हाे। एसएसपी रुचि वर्धन मिश्र के अनुसार शमी ने हनी ट्रैप गैंग की शिकार पीड़ित छात्रा से पूछताछ भी की। पीड़िता ने कई नामों की जानकारी भी दी। पुलिस इसकी पुष्टि करने में लगी है। अफसरों का कहना है कि हनी ट्रैप गैंग ने जिस तरह से अपने एनजीओ के लिए फंडिंग की है, उनकी अब अलग से जांच होगी।
नेता, आईएएस, आईपीएस फोन पर युवतियों से घंटों बात करते
ब्लैकमेलर्स युवतियों की सीडीआर एनालिसिस में पता चला है कि कई सीनियर आईएएस व आईपीएस उनसे घंटों बात करते रहे हैं। श्वेता से उनकी अलग-अलग दौर में लंबी बातचीत हुई है। एसआईटी ने वीडियो फुटेज व युवतियों के मोबाइल नंबरों के आधार पर सीडीआर एनालिसिस की तो यह जानकारी सामने आई है। जांच अधिकारी भी हैरान हैं कि कैसे इन युवतियों ने बड़े-बड़े अफसरों और राजनेताओं को अपने मोहपाश में बांध लिया था। एसआईटी से जुड़े अधिकारियों ने भी इसकी पुष्टि की हैै।
ब्लैकमेलर्स युवतियों की सीडीआर एनालिसिस में पता चला है कि कई सीनियर आईएएस व आईपीएस उनसे घंटों बात करते रहे हैं। श्वेता से उनकी अलग-अलग दौर में लंबी बातचीत हुई है। एसआईटी ने वीडियो फुटेज व युवतियों के मोबाइल नंबरों के आधार पर सीडीआर एनालिसिस की तो यह जानकारी सामने आई है। जांच अधिकारी भी हैरान हैं कि कैसे इन युवतियों ने बड़े-बड़े अफसरों और राजनेताओं को अपने मोहपाश में बांध लिया था। एसआईटी से जुड़े अधिकारियों ने भी इसकी पुष्टि की हैै।
एसआईटी अफसरों के अनुसार, छात्रा को बरगलाकर ब्लैकमेलिंग के लिए वीडियो बनाया गया है। अफसरों ने छात्रा से काफी देर चर्चा की और उसकी आपबीती सुनी। उसने बताया कि श्वेता और आरती के घरों में कैसे लड़कियां आती थीं और कार में बैठाकर वे कहां ले जाती थीं। छात्रा का कहना है कि उसने कुछ बड़े लोगों को देखा जरूर है, लेकिन वह उनके नाम नहीं जानती। हो सकता है कि वे टेंडर के लिए आए हों, लेकिन आरती के पहले वाले घर पर कुछ लोगों का आना जाना लगा रहता था। ऐसी कई जानकारी मिलने के बाद तय किया है कि छात्रा को सरकारी गवाह बनाया जाएगा।
अफसरों का कहना है गैंग बड़ी है और उसके तार कई जगहों से जुड़े हैं। इसलिए छात्रा को भी खतरा हो सकता है। माना जा रहा है उसे संरक्षण केंद्र में शिफ्ट किया जाएगा। वहीं, श्वेता विजय जैन जिला जेल में जिस बैरक में बंद है, वहीं भय्यू महाराज सुसाइड केस में मुख्य षड्यंत्र रचने की आरोपी पलक पुराणिक बंद है। दाे दिन उनमें बात नहीं हुई, लेकिन बुधवार को दोनों में खूब बात हुई।
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