- मामले की जांच के लिए सोमवार को आईजी सीआईडी डी श्रीनिवास को एसआईटी चीफ नियुक्त किया गया था
- एडीजी संजीव शमी को अब एसआईटी चीफ बनाया गया, इंदौर एसएसपी रुचिवर्धन भी टीम में शामिल
हाईप्रोफाइल इस मामले की जांच के लिए सोमवार को डीजीपी ने एसआईटी का गठन किया था। इसका चीफ भोपाल के डीआईजी रह चुके आईजी सीआईडी डी श्रीनिवास वर्मा को बनाया गया था। हालांकि, मंगलवार को डी श्रीनिवास का नाम बदलकर संजीव शमी को एसआईटी का नया चीफ बना दिया। इसमें एसपी, एएसपी, सीएसपी और इंस्पेक्टर स्तर के करीब 12 अफसरों को शामिल किया गया है।
सूत्र बताते हैं कि डी श्रीनिवास से पूछा गया तो उन्होंने इस मामले की जांच से इनकार कर दिया। लेकिन उन्हें चीफ बनाने का आदेश निकाल दिया गया था। इसके बाद मंगलवार को उन्होंने खुलकर इस मामले में जांच करने इनकार कर दिया। इसके बाद आनन-फानन में संजीव शमी को एसआईटी का चीफ बनाया गया।
क्या है हनीट्रैप मामला?
इंदौर नगर निगम के इंजीनियर हरभजन की 3 करोड़ रुपए मांगने की शिकायत के बाद भोपाल और इंदौर पुलिस ने कार्रवाई कर ब्लैकमेलिंग करने वाली पांच महिलाओं को गिरफ्तार किया था। यह महिलाएं अफसरों और नेताओं के वीडियो बनाकर उन्हें ब्लैकमेल करती थीं। इस हाईप्रोफाइल मामले में एक पूर्व मुख्यमंत्री, पूर्व राज्यपाल, पूर्व सांसद, भाजपा और कांग्रेस से जुड़े नेता और नौकरशाहों के फंसे होने की बात कही जा रही है। हालांकि अब तक इस मामले में किसी का नाम सामने नहीं आया है।
इंदौर नगर निगम के इंजीनियर हरभजन की 3 करोड़ रुपए मांगने की शिकायत के बाद भोपाल और इंदौर पुलिस ने कार्रवाई कर ब्लैकमेलिंग करने वाली पांच महिलाओं को गिरफ्तार किया था। यह महिलाएं अफसरों और नेताओं के वीडियो बनाकर उन्हें ब्लैकमेल करती थीं। इस हाईप्रोफाइल मामले में एक पूर्व मुख्यमंत्री, पूर्व राज्यपाल, पूर्व सांसद, भाजपा और कांग्रेस से जुड़े नेता और नौकरशाहों के फंसे होने की बात कही जा रही है। हालांकि अब तक इस मामले में किसी का नाम सामने नहीं आया है।
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